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11 दिन तक जंगल में फंसी महिला ने बताया, “भगवान के संदेशवाहक ने बचाया” – एक अद्भुत और रहस्यमयी कहानी
11 दिनों तक ताइगा के जंगल में फंसी महिला को एक रहस्यमयी कुत्ते ने बचाया, जो अचानक गायब हो गया। महिला ने इसे भगवान के संदेशवाहक का चमत्कारी कदम बताया।
एक और रहस्यमयी और चमत्कारी कहानी सामने आई है, जब एक महिला ने 11 दिन तक साइबेरिया के ताइगा जंगल में फंसी रहने के बाद अपने जीवन को बचाने का श्रेय एक “भगवान के संदेशवाहक” को दिया। डेली स्टार न्यूज के अनुसार, महिला का दावा है कि उसकी जान एक कुत्ते ने बचाई, जो अचानक दिखाई दिया और फिर गायब हो गया।
गालिना इवानोवा नाम की महिला, जो इरकुत्स्क गांव, साइबेरिया की रहने वाली हैं, जंगल में काम करने के दौरान जंगल में फंस गईं। यह घटना तब हुई जब वह जंगल में कुछ वनस्पतियाँ एकत्र करने गईं और रास्ता भटक गईं। गालिना की नज़र कमजोर थी, और ताइगा जंगल में घने पेड़ और बर्फबारी के कारण वह पूरी तरह से भटक गईं।
महिला का अनुभव:
गालिना ने बताया कि जब वह रास्ता भटक गईं तो जंगल के खतरों को महसूस कर रही थीं। “जंगल में कई खतरनाक जानवर जैसे भालू भी हो सकते हैं, और बर्फबारी से बचने के लिए मुझे अपना रास्ता ढूंढना था,” गालिना ने अपने अनुभव को साझा किया। उन्होंने कहा कि वह 11 दिन तक बिना किसी खाने के, केवल बर्फ और बारिश के पानी पर जिंदा रहीं।
“जब बर्फ गिरती थी, तो मैं उसे इकट्ठा करके खा लेती थी, और जब बारिश होती थी, तो मैं अपने हाथों में पानी इकठ्ठा कर पीती थी,” गालिना ने कहा। मौसम के खराब होने के बावजूद वह अपनी जान बचाने की कोशिश करती रही।
रहस्यमयी कुत्ता: एक संकेत या संदेश?
गालिना के अनुसार, उसने एक दिन एक कुत्ते की आवाज सुनी, जो उसे अपनी ओर बुला रहा था। “यह आवाज मुझे उन सभी दिन के बाद थोड़ी सी उम्मीद दे रही थी।” वह बताती हैं कि यह कुत्ता अचानक दिखा और फिर गायब हो गया। खोज दल के सदस्य भी कुत्ते की आवाज सुन रहे थे, और वह आवाज उन्हें गालिना तक ले गई।
अधिकारियों ने स्वीकार किया कि उन्हें कोई कुत्ता नहीं मिला, लेकिन आवाज ने उन्हें गालिना तक पहुँचने में मदद की। गालिना ने कहा, “यह कुत्ता किसी देवता का संदेशवाहक था, जिसने मेरी मदद की और फिर अपना काम खत्म करके गायब हो गया।”
गालिना का मानना है कि वह चमत्कारी रूप से बच गईं और इसे वह “भगवान का संदेश” मानती हैं। उनके लिए यह अनुभव आध्यात्मिक रूप से महत्वपूर्ण है, और उन्होंने इसे अपनी जान बचाने के लिए भगवान का आशीर्वाद माना।
महिला की सलामत वापसी और उसका परिवार
गालिना के परिवार को जब उसकी वापसी की खबर मिली तो वे बेहद खुश हुए। गालिना ने यह भी कहा कि उसने इस अनुभव के बाद अपनी जिंदगी को नए दृष्टिकोण से देखा है।
गालिना के इस अद्भुत अनुभव ने यह साबित कर दिया कि कभी-कभी अदृश्य शक्तियाँ और रहस्यमय घटनाएँ किसी के जीवन में बचाव का कारण बन सकती हैं। उसकी कहानी से यह भी संदेश मिलता है कि मनुष्य में जीवित रहने की अद्भुत शक्ति होती है, जो किसी भी परिस्थिति से बाहर निकलने के लिए प्रेरित करती है।
गालिना की इस घटना ने यह सवाल भी खड़ा किया कि क्या यह एक साधारण कुत्ता था, या फिर किसी अन्य ताकत का हस्तक्षेप था? गालिना और उनके परिवार के लिए यह अनुभव एक चमत्कारी घटना है, जो हमेशा याद रहेगा।
गालिना के अनुभव से यह स्पष्ट होता है कि कभी-कभी हमारे सामने ऐसी घटनाएँ होती हैं जिन्हें हम समझ नहीं पाते, लेकिन वे हमारी मदद करने के लिए होती हैं। वह मानती हैं कि उनका जीवन एक उद्देश्य से बचा, और इसका कारण एक अदृश्य शक्ति थी। गालिना का यह अनुभव न केवल एक अद्भुत बचाव की कहानी है, बल्कि एक संदेश भी है कि कभी-कभी अंधेरे में भी एक रोशनी होती है, जो हमें सही रास्ते पर ले जाती है।
उनकी कहानी ने कई लोगों को प्रेरित किया है कि वे अपनी उम्मीदें और विश्वास कभी न खोएं, क्योंकि हर स्थिति में बचने का एक रास्ता होता है।
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इस देश की संसद में हंगामा: सांसदों के बीच हाथापाई, कुर्सियां फेंकी गईं
हाइलाइट्स:
- ताइवान की संसद में विपक्ष और सत्तापक्ष के बीच तनाव बढ़ा।
- तीन विवादित विधेयकों को लेकर सांसदों में तीखी झड़प।
- संसद का माहौल हिंसक, वीडियो हुआ वायरल।
ताइवान की संसद शुक्रवार रात उस समय चर्चा का केंद्र बन गई जब विपक्ष और सत्तापक्ष के सांसदों के बीच तीखी बहस हाथापाई में बदल गई। देश की मुख्य विपक्षी पार्टी ने स्पीकर की कुर्सी पर कब्जा करने की कोशिश की, जिसके बाद संसद में कुर्सियां फेंकी गईं और खिड़कियां तोड़ दी गईं। घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है, जिसमें सांसदों को एक-दूसरे से भिड़ते हुए देखा जा सकता है। यह घटना ताइवान के लोकतांत्रिक ढांचे पर गंभीर सवाल खड़े कर रही है। मूल कारण तीन विधेयक हैं, जिन्हें नेशनलिस्ट पार्टी ने पेश किया है। विपक्ष का दावा है कि ये विधेयक ताइवान के संविधान को कमजोर करने की कोशिश हैं।
विपक्ष के आरोप:
- विधेयक पास होने पर अदालतें पंगु हो जाएंगी और सरकार के खिलाफ फैसले नहीं दे पाएंगी।
- राज्यों से मिलने वाले टैक्स का बड़ा हिस्सा केंद्र सरकार के अधीन हो जाएगा।
- विधेयकों से संघीय व्यवस्था को नुकसान पहुंचेगा।
घटना की शुरुआत
ताइवान की सेंट्रल न्यूज एजेंसी के मुताबिक, गुरुवार रात डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी के सांसद संसद में जबरदस्ती घुसे और तोड़फोड़ मचाई। उन्होंने स्पीकर की कुर्सी पर कब्जा कर लिया। इसके जवाब में सत्तापक्ष के सांसद वहां पहुंचे और विवाद बढ़ता चला गया। संसद के भीतर यह झड़प इतनी हिंसक थी कि कई सांसद घायल हो गए। संसद, जो चर्चा और समाधान का मंच है, अचानक कुश्ती का मैदान बन गई। घटना के वीडियो वायरल होने के बाद जनता में आक्रोश है। कई लोग इसे लोकतंत्र के लिए शर्मनाक करार दे रहे हैं। कुछ लोग इसे दोनों पक्षों की असफलता मानते हैं, जो लोकतांत्रिक मुद्दों को हल करने में नाकाम रहे। विपक्षी नेताओं का कहना है कि विधेयकों पर चर्चा हुई थी, लेकिन सत्तापक्ष और विपक्ष के बीच कोई समझौता नहीं हो सका। उनका आरोप है कि सरकार विपक्ष की चिंताओं को अनदेखा कर रही है।
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Canada Immigration News for Students: कनाडा के अंतरराष्ट्रीय छात्र कार्यक्रम में बड़े बदलाव, पढ़ाई और रोजगार के लिए नई दिशानिर्देश लागू
ओटावा, 15 नवंबर 2024 – Canada Immigration News for Students, कनाडा ने अपने अंतरराष्ट्रीय छात्र कार्यक्रम (International Student Program) में बड़े और ठोस बदलावों की घोषणा की है, जो छात्रों की पढ़ाई, रोजगार, और सुरक्षा को प्राथमिकता देते हैं। इन बदलावों का उद्देश्य छात्रों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाना, शिक्षा की गुणवत्ता बनाए रखना और धोखाधड़ी से बचाव सुनिश्चित करना है।
काम और पढ़ाई के बीच बेहतर संतुलन
अंतरराष्ट्रीय छात्रों के लिए ऑफ-कैंपस काम करने की सीमा अब बढ़ाकर 24 घंटे प्रति सप्ताह कर दी गई है। पहले यह सीमा केवल 20 घंटे थी। यह बदलाव उन छात्रों के लिए वरदान साबित होगा, जो पढ़ाई के साथ-साथ आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनने की कोशिश कर रहे हैं।
इस कदम से छात्रों को अधिक रोजगार के अवसर मिलेंगे, लेकिन यह भी सुनिश्चित किया गया है कि उनका प्राथमिक ध्यान उनकी पढ़ाई पर हो। छात्रों को यह ध्यान रखना होगा कि अनावश्यक काम उनकी शिक्षा को प्रभावित न करे। यह नीति इस तथ्य को भी उजागर करती है कि सरकार शिक्षा और रोजगार के बीच सही संतुलन बनाने पर जोर दे रही है।
संस्थान बदलने के लिए नई प्रक्रिया
अब छात्रों को अपने अध्ययन के दौरान शैक्षणिक संस्थान (Designated Learning Institution – DLI) बदलने के लिए पहले स्टडी परमिट के लिए आवेदन करना होगा।
- यह प्रक्रिया छात्रों को गलत फैसले लेने से बचाएगी और उन्हें सही संस्थानों में बेहतर अनुभव सुनिश्चित करेगी।
- इसके अलावा, यह कदम शिक्षा प्रणाली में पारदर्शिता और जवाबदेही लाने के लिए भी महत्वपूर्ण है।
शैक्षणिक संस्थानों की जिम्मेदारी और निगरानी
सरकार ने डिज़ाइनेटेड लर्निंग इंस्टीट्यूशन्स (DLIs) को छात्रों की उपस्थिति और प्रगति की रिपोर्टिंग को अनिवार्य बना दिया है।
- अब DLIs को हर छह महीने में IRCC को रिपोर्ट देनी होगी।
- अगर कोई संस्थान इन नियमों का पालन नहीं करता, तो उसे नए छात्रों का प्रवेश एक साल तक रोकने का दंड भुगतना पड़ सकता है।
यह बदलाव संस्थानों को छात्रों की भलाई सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी सिखाएगा और धोखाधड़ी या लापरवाही के मामलों को कम करेगा।
फर्जी दस्तावेजों पर रोकथाम
IRCC ने फर्जी प्रवेश पत्र (Letter of Acceptance – LOA) के बढ़ते मामलों पर अंकुश लगाने के लिए सख्त कदम उठाए हैं।
- पिछले एक साल में लगभग 5.29 लाख LOA की जांच की गई।
- इनमें से लगभग 17,000 फर्जी दस्तावेज पाए गए।
- इन नीतियों से यह सुनिश्चित हुआ है कि केवल वास्तविक छात्रों को कनाडा में पढ़ाई का अवसर मिले।
यह कदम छात्रों की सुरक्षा के साथ-साथ कनाडा की अंतरराष्ट्रीय शिक्षा प्रणाली की प्रतिष्ठा को भी बनाए रखेगा।
क्यूबेक के लिए विशेष प्रावधान
क्यूबेक प्रांत में डिज़ाइनेटेड लर्निंग इंस्टीट्यूशन्स (DLIs) को अनुपालन रिपोर्टिंग के लिए अलग से समय दिया गया है।
- इस प्रांत को रिपोर्टिंग सिस्टम को लागू करने के लिए एक ग्रेस पीरियड दिया गया है।
- यह लचीलापन क्यूबेक के संस्थानों और छात्रों के लिए लाभकारी साबित होगा।
सरकारी उद्देश्य और बयान
इमिग्रेशन मंत्री, मार्क मिलर, ने कहा:
“हम छात्रों को बेहतर अनुभव देने और रोजगार व शिक्षा के बीच सही संतुलन बनाने की कोशिश कर रहे हैं। ये बदलाव न केवल छात्रों को लाभ देंगे, बल्कि कनाडा की शिक्षा प्रणाली की अखंडता को भी बनाए रखेंगे।”
छात्रों के लिए फायदे
- आर्थिक स्वतंत्रता: काम के घंटों में वृद्धि से छात्र पढ़ाई का खर्चा निकालने में सक्षम होंगे।
- सुरक्षा और पारदर्शिता: फर्जी दस्तावेजों और लापरवाह संस्थानों से बचाव।
- बेहतर अनुभव: छात्रों को उनकी पढ़ाई के दौरान उच्च गुणवत्ता का शैक्षणिक वातावरण मिलेगा।
इन बदलावों का महत्व
यह बदलाव केवल छात्रों के हित में नहीं हैं, बल्कि कनाडा की शिक्षा प्रणाली को मजबूत करने की दिशा में एक बड़ा कदम हैं।
- इन नियमों से छात्रों को अधिक रोजगार के अवसर मिलेंगे।
- संस्थानों की जिम्मेदारी तय होगी।
- फर्जी छात्रों और धोखाधड़ी की घटनाओं में कमी आएगी।
कनाडा का नया अंतरराष्ट्रीय छात्र कार्यक्रम शिक्षा, रोजगार, और सुरक्षा के बीच सही संतुलन बनाने का एक प्रभावी प्रयास है। यह नीति छात्रों और संस्थानों दोनों के लिए फायदेमंद साबित होगी।
छात्रों को चाहिए कि वे इन बदलावों को समझें और उनका पालन करें, ताकि वे कनाडा में एक सफल और सकारात्मक अनुभव प्राप्त कर सकें।
India
Canada New Immigration Policy: कनाडा की नई इमिग्रेशन नीति (दिसंबर 2024): क्या बदलाव होंगे? जानें पूरी डिटेल
Canada New Immigration Policy: कनाडा की नई इमिग्रेशन नीति (दिसंबर 2024) बदलावों का बड़ा असर, कनाडा की सरकार ने दिसंबर 2024 में अपनी नई इमिग्रेशन नीति की घोषणा की है, जिसमें कई बड़े बदलावों का प्रस्ताव है। यह नीति आने वाले वर्षों में कनाडा में इमिग्रेशन के प्रवाह को नियंत्रित करने के उद्देश्य से तैयार की गई है। इस नए दिशा-निर्देश में विशेष रूप से श्रमिकों, अंतर्राष्ट्रीय छात्रों और कार्यकुशल कर्मचारियों पर ध्यान केंद्रित किया गया है।
कनाडा सरकार ने 2025 से 2027 तक के लिए इमिग्रेशन लक्ष्यों को संशोधित किया है। नए लक्ष्यों के अनुसार, 2025 में 395,000 स्थायी निवासियों को स्वीकारने का लक्ष्य रखा गया है, जो कि 2026 में घटकर 380,000 और 2027 में 365,000 रहने का अनुमान है। यह परिवर्तन इसलिए किया गया है ताकि कनाडा के श्रमिक बाजार को स्थिर रखा जा सके और जरूरत के हिसाब से इमिग्रेशन को नियंत्रित किया जा सके।
Canada Immigration
नई नीति में विशेष ध्यान कार्यकुशल श्रमिकों पर दिया गया है। कनाडा में कई उद्योगों में श्रमिकों की कमी महसूस की जा रही है, खासकर निर्माण, आईटी, स्वास्थ्य और खनन क्षेत्र में। इन क्षेत्रों में कार्यरत विदेशी श्रमिकों को स्थायी निवास देने की प्रक्रिया को सरल किया जाएगा। इसके अलावा, अस्थायी श्रमिकों के लिए स्थायी निवास की नीति में भी लचीलापन होगा।
कनाडा ने अपनी नई इमिग्रेशन नीति में अंतर्राष्ट्रीय छात्रों के लिए भी महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं। 2024 में कनाडा सरकार 360,000 नए अध्ययन परमिट जारी करने का लक्ष्य रखती है। हालांकि, पोस्ट-ग्रेजुएशन वर्क परमिट (PGWP) के लिए पात्रता की शर्तों को सख्त किया जाएगा, ताकि केवल योग्य छात्र ही काम करने का अधिकार प्राप्त कर सकें। इससे कनाडा के श्रमिक बाजार में विद्यार्थियों का योगदान बढ़ेगा।
कनाडा ने अस्थायी कार्यकुशल श्रमिकों के लिए कार्य परमिट्स को नियंत्रित करने का निर्णय लिया है। इसकी वजह यह है कि अस्थायी श्रमिकों के संख्या में वृद्धि से स्थानीय कर्मचारियों के रोजगार पर दबाव पड़ता है। आगामी वर्षों में कार्य परमिट्स को नियंत्रित किया जाएगा ताकि कनाडा के श्रमिकों के अधिकारों की रक्षा हो सके और उन्हें उचित कामकाजी माहौल मिल सके।
नई इमिग्रेशन नीति से कनाडा की श्रमिक बाजार को स्थिरता मिल सकती है, लेकिन कुछ क्षेत्रों में इससे चुनौतियाँ भी उत्पन्न हो सकती हैं। विशेष रूप से उन क्षेत्रों में जहां कार्यकुशल श्रमिकों की भारी कमी है, वहां विकास की गति धीमी हो सकती है। इसके बावजूद, यह नीति देश में उच्च गुणवत्ता वाले श्रमिकों और अंतर्राष्ट्रीय छात्रों की संख्या को बढ़ाकर कनाडा की आर्थिक प्रगति को और सशक्त बनाने का प्रयास करेगी।
कनाडा की नई इमिग्रेशन नीति 2024 में कई महत्वपूर्ण बदलावों के साथ आई है, जो देश के श्रमिक बाजार और आर्थिक स्थिति को मजबूत करने के लिए बनाई गई है। हालांकि, इन बदलावों का कनाडा में रहने और काम करने वाले प्रवासियों पर प्रभाव पड़ेगा, लेकिन कुल मिलाकर यह नीति कनाडा के लिए एक सकारात्मक कदम साबित हो सकती है। सरकार के इन निर्णयों से देश में स्थिरता और विकास की नई दिशा देखने को मिल सकती है।
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