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Australia Social Media Ban: ऑस्ट्रेलिया में 16 साल से कम उम्र के बच्चों पर सोशल मीडिया बैन, 2025 तक लागू होंगे नए नियम

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Australia Social Media Ban: ऑस्ट्रेलिया 2025 तक 16 साल से कम उम्र के बच्चों के लिए इंस्टाग्राम, टिकटॉक और स्नैपचैट जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर प्रतिबंध लगाने जा रहा है। जानें नए नियम, संभावित उपाय और इसके पीछे की वजह।

ऑस्ट्रेलिया 16 साल से कम उम्र के बच्चों के लिए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म जैसे इंस्टाग्राम, टिकटॉक और स्नैपचैट पर प्रतिबंध लगाने की तैयारी कर रहा है। यह नियम 2025 के अंत तक लागू होगा। नए कानून के तहत सोशल मीडिया कंपनियों को यह साबित करना होगा कि वे नाबालिगों को प्लेटफॉर्म से दूर रखने के लिए उचित कदम उठा रही हैं। नियमों का पालन न करने पर कंपनियों को 49.5 मिलियन ऑस्ट्रेलियाई डॉलर (32 मिलियन अमेरिकी डॉलर) तक का जुर्माना भरना पड़ सकता है।

यूट्यूब को उसकी शैक्षणिक भूमिका के कारण इस नियम से छूट दी गई है। हालांकि, कानून के तहत यह स्पष्ट नहीं है कि इसे लागू कैसे किया जाएगा। इसके लिए जनवरी से मार्च 2025 तक एक पायलट प्रोजेक्ट चलाया जाएगा।


कैसे होगा बैन लागू?

Australia Social Media Ban: सोशल मीडिया पर उम्र की पुष्टि के लिए कई तरीकों पर विचार किया जा रहा है। इन तरीकों की जांच और परीक्षण के लिए 1,200 ऑस्ट्रेलियाई नागरिकों को पायलट प्रोजेक्ट में शामिल किया जाएगा। यह परीक्षण यह सुनिश्चित करेगा कि बच्चों को प्लेटफॉर्म से दूर रखने के लिए तकनीकें कितनी प्रभावी हैं।

संभावित तरीके:

  1. बायोमेट्रिक आयु सत्यापन
    • उपयोगकर्ताओं को एक वीडियो सेल्फी अपलोड करनी होगी, जिसे उम्र निर्धारित करने के लिए विश्लेषित किया जाएगा।
    • डेटा केवल प्रोसेसिंग के लिए उपयोग होगा और उसके बाद डिलीट कर दिया जाएगा।
  2. दस्तावेज़ आधारित सत्यापन
    • उपयोगकर्ताओं को पासपोर्ट या जन्म प्रमाणपत्र जैसे दस्तावेज़ अपलोड करने होंगे।
    • तीसरे पक्ष की सेवा उम्र की पुष्टि करके गुमनाम टोकन जारी करेगी।
  3. डेटा क्रॉस-चेकिंग
    • ईमेल या खाता गतिविधियों का विश्लेषण कर उपयोगकर्ता की उम्र का अनुमान लगाया जाएगा।

इन तरीकों को यह परखने के लिए भी जांचा जाएगा कि वे नकली दस्तावेजों या फिल्टर जैसी तकनीकों को रोकने में कितने सक्षम हैं।

ऑस्ट्रेलिया का यह कदम वैश्विक स्तर पर चर्चा का विषय बन गया है। कई देशों की नजर इस कानून पर है। कुछ यूरोपीय देशों और अमेरिकी राज्यों ने भी सोशल मीडिया पर न्यूनतम आयु सीमा तय की है, लेकिन इसे लागू करने में उन्हें मुश्किलें आई हैं।

एलन मस्क जैसे आलोचकों ने इस कदम को “इंटरनेट एक्सेस पर पाबंदी का एक गुप्त तरीका” बताया है। हालांकि, ऑस्ट्रेलिया की संचार मंत्री मिशेल रॉलैंड्स ने इन दावों को खारिज करते हुए कहा कि यह कानून न तो सरकार द्वारा तकनीकी समाधान थोपता है और न ही उपयोगकर्ताओं का व्यक्तिगत डेटा सोशल मीडिया कंपनियों के साथ साझा करता है।

सोशल मीडिया कंपनियों के लिए चुनौती

इंस्टाग्राम की पैरेंट कंपनी मेटा ने इस नियम को लेकर अनिश्चितता जताई है। कंपनी की ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड क्षेत्र की पॉलिसी डायरेक्टर मिया गार्लिक ने कहा कि योटी जैसे आयु सत्यापन टूल उपयोगी हैं, लेकिन यह नए नियमों की सभी आवश्यकताओं को पूरा कर पाएंगे या नहीं, यह अभी स्पष्ट नहीं है।

क्यों है यह कदम महत्वपूर्ण?

सोशल मीडिया के बढ़ते प्रभाव और किशोरों के मानसिक स्वास्थ्य पर इसके असर को लेकर चिंताएं लगातार बढ़ रही हैं। ऑस्ट्रेलिया का यह फैसला न केवल नाबालिगों को सुरक्षित रखने की दिशा में एक अहम कदम है, बल्कि यह अन्य देशों के लिए एक उदाहरण भी पेश कर सकता है।

हालांकि, इस पहल की सफलता इस बात पर निर्भर करेगी कि क्या इसे सटीकता, गोपनीयता और व्यावहारिकता के साथ लागू किया जा सकता है।

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