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Canada News in Hindi: कनाडा में 10,000 फर्जी छात्र वीज़ा मामले उजागर, अधिकांश भारतीय छात्रों से जुड़े: रिपोर्ट

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29 नवंबर 2024 – नई दिल्ली: Canada News in Hindi, कनाडा के इमिग्रेशन, रिफ्यूजीज़ और सिटीजनशिप विभाग (IRCC) ने 2024 में 10,000 से अधिक फर्जी छात्र स्वीकृति पत्र (Fake Acceptance Letters) का पर्दाफाश किया है। इनमें से अधिकांश मामले भारतीय छात्रों, खासकर गुजरात और पंजाब से जुड़े हैं। इस मामले का खुलासा कनाडा के एक प्रमुख अखबार द ग्लोब एंड मेल द्वारा किया गया है, जिसमें बताया गया कि कनाडा ने इस साल सख्त वेरिफिकेशन प्रक्रिया के तहत 500,000 से ज्यादा छात्र वीज़ा आवेदन की समीक्षा की है।


फर्जी स्वीकृति पत्रों में बेतहाशा वृद्धि

कनाडा के इमिग्रेशन विभाग की इस नई जांच प्रक्रिया में लगभग 80% फर्जी पत्र भारत के गुजरात और पंजाब राज्यों से जुड़ी हुईं पाई गईं। ऐसा प्रतीत होता है कि अवैध एजेंटों द्वारा छात्रों को फर्जी स्वीकृति पत्र देकर कनाडा के विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में प्रवेश दिलाने का काम किया जा रहा था।

आंकड़े बताते हैं कि:

  • 529,000 स्वीकृति पत्रों की जांच में से 17,000 से अधिक पत्र अवैध पाए गए।
  • 2% मामलों में फर्जी दस्तावेज़ पाए गए, जबकि 1% मामलों में छात्र की एडमिशन रद्द की गई।

इस घटनाक्रम के बाद कनाडा ने एक नई व्यवस्था लागू की है, जिसके तहत सभी डिज़ाइनटेड लर्निंग इंस्टीट्यूशन्स (DLIs) को ऑनलाइन सत्यापन पोर्टल के जरिए स्वीकृति पत्रों को सत्यापित करना अनिवार्य कर दिया गया है।


छात्रों और संस्थानों पर प्रभाव

फर्जी दस्तावेजों के मामलों ने न केवल छात्रों के लिए कानूनी और वित्तीय समस्याएं खड़ी कर दीं, बल्कि कई शिक्षा संस्थानों की प्रतिष्ठा भी दांव पर लग गई है। कई छात्र जिनके पास फर्जी स्वीकृति पत्र थे, उन्हें अब निर्वासन का सामना करना पड़ रहा है। इसके अलावा, कई ऐसे कॉलेज और विश्वविद्यालय भी सामने आए हैं जिन्होंने इन स्वीकृति पत्रों की जांच में लापरवाही बरती है, जिससे इन संस्थानों की भूमिका पर भी सवाल उठे हैं।

जेनी क्वान, कनाडा की न्यू डेमोक्रेटिक पार्टी की इमिग्रेशन आलोचक, ने कहा कि यह स्थिति बहुत ही चिंताजनक है। उन्होंने कहा, “कनाडा की जिम्मेदारी है कि वह उन अंतरराष्ट्रीय छात्रों की रक्षा करे जो धोखाधड़ी का शिकार हुए हैं।”


कनाडा सरकार की सख्त कार्रवाइयाँ

कनाडा ने इन मामलों के प्रति सख्ती दिखाते हुए कई नई योजनाएं और प्रोटोकॉल लागू किए हैं, जिनमें:

  1. स्वीकृति पत्र की कड़ी जांच:
    सभी डिज़ाइनटेड लर्निंग इंस्टीट्यूशन्स (DLIs) को अब हर स्वीकृति पत्र को ऑनलाइन पोर्टल के जरिए सत्यापित करना होगा। इसके अलावा, नियमों का उल्लंघन करने पर संस्थान को एक साल तक नए छात्रों के प्रवेश पर रोक का सामना करना पड़ेगा।
  2. बायएनुअल रिपोर्टिंग:
    सभी DLIs को हर छह महीने में यह रिपोर्ट प्रस्तुत करनी होगी कि उनके पास नामांकित छात्र वर्तमान में पढ़ाई कर रहे हैं।
  3. शर्तों का उल्लंघन करने वाले छात्रों पर कार्रवाई:
    जो छात्र अपना कोर्स छोड़ देते हैं या वीज़ा की शर्तों का पालन नहीं करते, उनके खिलाफ कड़ी जांच और कार्रवाई की जाएगी।

क्या बदलाव लाए गए हैं?

कनाडा सरकार ने यह सुनिश्चित करने के लिए कई महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं कि छात्रों को एक सुरक्षित और वैध अनुभव मिले:

  • नया अध्ययन परमिट नियम: अब छात्र जब संस्थान बदलेंगे, तो उन्हें एक नया अध्ययन परमिट प्राप्त करना होगा। यह नियम अंतरराष्ट्रीय छात्र कार्यक्रम की पारदर्शिता और साख को बनाए रखने के लिए महत्वपूर्ण है।
  • क्यूबेक के संस्थान: क्यूबेक में स्थित संस्थान इस प्रणाली का हिस्सा नहीं हैं, लेकिन IRCC उन्हें जल्द ही इस प्रक्रिया में शामिल करने की योजना बना रहा है।

भारतीय छात्रों पर पड़ने वाला प्रभाव

भारत से कनाडा में अध्ययन करने के लिए आने वाले छात्रों की संख्या बहुत अधिक है, और इस प्रकार की धोखाधड़ी के मामलों से भारतीय छात्रों की छवि पर असर पड़ सकता है। इसके अलावा, कनाडा की इमिग्रेशन नीतियों में सख्ती आने से कुछ छात्रों को वीज़ा प्राप्त करने में समस्याएं हो सकती हैं।

छात्रों के लिए सलाह:

  1. अधिकृत एजेंटों से ही सलाह लें: किसी भी प्रकार के धोखाधड़ी से बचने के लिए केवल अधिकृत एजेंटों के माध्यम से आवेदन करें।
  2. कानूनी प्रोटोकॉल का पालन करें: वीज़ा शर्तों का पालन करें और संस्थान बदलने के लिए नया अध्ययन परमिट प्राप्त करें।
  3. नियमों के बारे में जानकारी रखें: कनाडा की इमिग्रेशन नीतियों में लगातार बदलाव हो रहे हैं, इसलिए छात्रों को इनसे अपडेट रहना चाहिए।

कनाडा में 10,000 से अधिक फर्जी छात्र वीज़ा मामलों का खुलासा होने से एक ओर जहाँ छात्र वीज़ा प्रक्रिया की पारदर्शिता की आवश्यकता महसूस हो रही है, वहीं दूसरी ओर यह स्थिति कनाडा और भारत दोनों के लिए एक गंभीर चेतावनी भी है। कनाडा सरकार ने इस मामले में सख्त कदम उठाए हैं, और अब भारत के छात्रों को भी जिम्मेदारी से काम करना होगा ताकि इस प्रकार की धोखाधड़ी को रोका जा सके।

कनाडा के इमिग्रेशन मंत्री मार्क मिलर ने कहा, “हम यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि अंतरराष्ट्रीय छात्रों का अनुभव सकारात्मक और सुरक्षित हो, और इसके लिए जो भी जरूरी कदम उठाए गए हैं, वे छात्रों की भलाई के लिए हैं।”


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