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India News: भारतीय एयरलाइंस को 2024 में बम की झूठी धमकियों का सामना, उड़ान सेवाओं पर गहरा असर
29 नवंबर 2024 – नई दिल्ली: भारत की विमानन सेवाओं को 2024 में एक अभूतपूर्व संकट का सामना करना पड़ा है। बम की झूठी धमकियों के रिकॉर्ड 999 मामले इस साल सामने आए, जो 2023 के मुकाबले 10 गुना अधिक हैं। इन घटनाओं ने देशभर में उड़ानों की समय सारिणी को बाधित कर दिया और यात्रियों को भारी असुविधा का सामना करना पड़ा।
यह जानकारी डिप्टी सिविल एविएशन मिनिस्टर मुरलीधर मोहोल ने संसद में साझा की। उन्होंने बताया कि इन धमकियों में से 500 से अधिक केवल अक्टूबर के अंतिम दो सप्ताह के भीतर आईं। हालांकि, इन सभी घटनाओं को जांच के बाद झूठा पाया गया।
विमानन क्षेत्र के लिए बढ़ती चुनौती
2024 में दर्ज की गईं धमकियां 2014 से 2017 के बीच की अवधि के कुल 120 मामलों से कहीं अधिक हैं। भारत में, जहां हर दिन 3,000 से अधिक उड़ानें 150 हवाई अड्डों से संचालित होती हैं, इन घटनाओं ने सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
डिप्टी मंत्री ने बताया कि इन धमकियों के कारण 256 शिकायतें दर्ज की गईं और 12 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। हालांकि, मामले की गंभीरता को देखते हुए सुरक्षा एजेंसियां अभी भी सतर्क हैं।
क्या होता है ऐसी धमकियों के बाद?
भारत के सभी प्रमुख हवाई अड्डों पर बम थ्रेट असेसमेंट कमेटी (BTAC) सक्रिय है। धमकी मिलने के बाद, यह कमेटी तुरंत कार्रवाई करती है:
- यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करना:
- विमान में मौजूद सभी यात्रियों को तुरंत बाहर निकाला जाता है।
- कैबिन और चेक-इन सामान की जांच होती है।
- सुरक्षा टीमों की तैनाती:
- बम निरोधक दस्ता और स्निफर डॉग को बुलाया जाता है।
- विमान के हर हिस्से की बारीकी से जांच की जाती है।
- आपातकालीन सेवाएं:
- घटनास्थल पर एम्बुलेंस, डॉक्टर और पुलिस को तैयार रखा जाता है।
इन सभी प्रक्रियाओं के कारण उड़ानें घंटों देरी से चलती हैं, जिससे एयरलाइंस और यात्रियों को बड़ी असुविधा होती है।
अंतरराष्ट्रीय घटनाओं पर असर
भारत में बम की झूठी धमकियों का असर अंतरराष्ट्रीय उड़ानों पर भी पड़ा है।
- अक्टूबर 2024 में, सिंगापुर की वायु सेना ने एयर इंडिया एक्सप्रेस की एक फ्लाइट को एस्कॉर्ट किया। उस फ्लाइट पर बम होने की धमकी मिली थी, जो बाद में झूठी निकली।
- उसी महीने, नई दिल्ली से शिकागो जा रही एयर इंडिया की एक उड़ान को कनाडा के एक दूरस्थ हवाई अड्डे पर उतरना पड़ा। बाद में यात्रियों को कनाडा की वायु सेना के विमान से शिकागो ले जाया गया।
इन घटनाओं ने अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसियों के साथ सहयोग की आवश्यकता को और अधिक महत्वपूर्ण बना दिया है।
सुरक्षा और लागत पर असर
झूठी धमकियों से न केवल समय बर्बाद होता है, बल्कि इसका आर्थिक प्रभाव भी भारी है।
- एयरलाइंस को विमानों की देरी और डायवर्जन के कारण हजारों डॉलर का नुकसान होता है।
- सुरक्षा एजेंसियों को हर बार पूरी प्रक्रिया को अंजाम देना पड़ता है, जिससे उनके संसाधनों पर दबाव बढ़ता है।
साथ ही, इन घटनाओं ने यात्रियों में असुरक्षा की भावना भी पैदा की है, जिससे विमानन क्षेत्र की विश्वसनीयता प्रभावित हो सकती है।
सरकार की प्रतिक्रिया और समाधान
भारत सरकार ने इस समस्या को गंभीरता से लिया है। डिप्टी मंत्री मुरलीधर मोहोल ने कहा कि इन घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिए निम्नलिखित कदम उठाए जा रहे हैं:
- सख्त कानून:
- झूठी धमकियां देने वालों के लिए कड़े दंड का प्रावधान।
- दोषियों को भारी जुर्माना और लंबी कैद की सजा।
- तकनीकी सुधार:
- एआई और मशीन लर्निंग का उपयोग कर धमकियों के स्रोत का तुरंत पता लगाने की योजना।
- गुमनाम कॉल और ईमेल का प्रभावी तरीके से पता लगाने के लिए नई तकनीक लागू की जा रही है।
- सुरक्षा प्रोटोकॉल को मजबूत करना:
- हवाई अड्डों पर निगरानी बढ़ाई जा रही है।
- BTAC को अधिक उन्नत उपकरण और संसाधन प्रदान किए जा रहे हैं।
भविष्य के लिए सीख
भारत का विमानन क्षेत्र तेजी से विस्तार कर रहा है। पिछले साल 150 मिलियन से अधिक यात्रियों ने घरेलू उड़ानों का इस्तेमाल किया। 2024 की घटनाओं ने सुरक्षा को प्राथमिकता देने की आवश्यकता को और अधिक स्पष्ट कर दिया है।
विशेषज्ञों का कहना है:
- जागरूकता अभियान: यात्रियों और आम जनता को बम की झूठी धमकियों के दुष्प्रभाव के बारे में शिक्षित किया जाना चाहिए।
- वैश्विक सहयोग: अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसियों के साथ मिलकर काम करना इन घटनाओं को रोकने में मदद करेगा।
बम की झूठी धमकियों का संकट भारतीय विमानन उद्योग के लिए एक बड़ी चुनौती बन चुका है। हालांकि अब तक कोई वास्तविक घटना नहीं हुई है, लेकिन इन धमकियों के कारण हुए व्यवधान ने यह स्पष्ट कर दिया है कि सुरक्षा उपायों को और मजबूत करने की जरूरत है।
जैसे-जैसे भारत का विमानन क्षेत्र विस्तार कर रहा है, तकनीकी सुधार और कठोर सुरक्षा उपायों को लागू करना लाखों यात्रियों की सुरक्षा और उद्योग की स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक है।
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