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UK News: ब्रिटेन की परिवहन मंत्री लुईस हेग का इस्तीफा, 11 साल पुराने सेलफोन धोखाधड़ी केस में दोषी ठहराए जाने के बाद लिया फैसला

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ब्रिटेन की परिवहन मंत्री लुईस हेग ने 11 साल पुराने सेलफोन धोखाधड़ी मामले में दोषी पाए जाने के बाद इस्तीफा दिया। जानिए पूरी कहानी और क्या है नया अपडेट।

UK News: ब्रिटेन की परिवहन मंत्री लुईस हेग ने 11 साल पुराने सेलफोन धोखाधड़ी मामले में दोषी पाए जाने के बाद अपने पद से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर को लिखे एक पत्र में कहा कि नैतिकता के आधार पर यह कदम उठाना उचित है, हालांकि अदालत ने उन्हें किसी भी सजा से मुक्त कर दिया।

क्या था मामला?

यह मामला 2014 का है, जब हेग ने अपने सेलफोन के चोरी होने की सूचना दी थी। बाद में यह पता चला कि हेग ने गलती से यह दावा किया था कि उनका फोन चोरी हुआ था, जबकि वास्तव में वह खुद इसे खोने की स्थिति में थीं। जब पुलिस ने फोन को ढूंढकर उसे चालू किया, तो उन्होंने गलत बयान देकर धोखाधड़ी करने की बात स्वीकार की। हालांकि, उन्हें अदालत से कोई सजा नहीं मिली, लेकिन उन्होंने इस घटनाक्रम के बाद अपनी राजनीतिक जिम्मेदारियों का सही तरीके से निर्वहन करने के लिए इस्तीफा देने का फैसला लिया।

लुईस हेग का बयान:

अपने इस्तीफे से पहले हेग ने एक बयान जारी किया, जिसमें उन्होंने कहा, “मेरे वकील की सलाह पर मैंने अपने जुर्म को कबूल किया है। यह सच है कि मुझसे गलती हुई थी, और मजिस्ट्रेट ने इन तर्कों को स्वीकार कर मुझे बरी किया।” वे आगे कहती हैं, “मेरी राजनीतिक जिम्मेदारियों के प्रति पूरी तरह से प्रतिबद्ध हूं, लेकिन अब मुझे लगता है कि इस्तीफा देना सबसे उपयुक्त कदम होगा।”

हेग की जगह हेइडी अलेक्जेंडर की नियुक्ति

लुईस हेग के इस्तीफे के बाद, कीर स्टार्मर ने 49 वर्षीय हेइडी अलेक्जेंडर को ब्रिटेन की परिवहन मंत्री नियुक्त किया है।

कीर स्टार्मर ने 49 वर्षीय हेइडी अलेक्जेंडर को ब्रिटेन की परिवहन मंत्री नियुक्त किया

अलेक्जेंडर ने छह साल के बाद जुलाई में संसद में वापसी की और इस दौरान लंदन के सिटी हॉल में भी एक महत्वपूर्ण पद पर कार्य किया था, जहां उन्होंने राजधानी की परिवहन व्यवस्था की जिम्मेदारी संभाली थी।

लुईस हेग के इस्तीफे ने ब्रिटिश राजनीति में नैतिक जिम्मेदारी और पारदर्शिता की महत्वपूर्ण मिसाल पेश की है। यह घटना इस बात को भी दर्शाती है कि सार्वजनिक जीवन में नैतिक मानकों का पालन कितना जरूरी है। इस पूरे मामले ने राजनीति में पारदर्शिता और ईमानदारी के महत्व को एक बार फिर से रेखांकित किया है।

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