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क्या यूपी कॉलेज की 100 एकड़ जमीन पर वक्फ बोर्ड का दावा सही है? जानें पूरी कहानी!
यूपी सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड ने वाराणसी के उदय प्रताप कॉलेज की 100 एकड़ जमीन पर दावा किया था। क्या है इस मामले की सच्चाई और कॉलेज ने क्या जवाब दिया?
29 नवंबर 2024 – वाराणसी: उत्तर प्रदेश सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड ने छह साल पहले वाराणसी स्थित यूपी कॉलेज (उदय प्रताप कॉलेज) की 100 एकड़ जमीन पर दावा किया था, इसे नवाब टोंक द्वारा वक्फ की गई संपत्ति बताया गया था। हालांकि, इस मामले में कॉलेज प्रबंधन ने अपना जवाब दिया, जिसके बाद वक्फ बोर्ड की ओर से अब तक कोई और नोटिस नहीं आया है। इस मामले ने अब फिर से चर्चा का विषय बन लिया है, खासकर वक्फ संशोधन बिल के सुर्खियों में आने के बाद।
क्या है वक्फ बोर्ड का दावा?
2018 में यूपी सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड ने कॉलेज प्रबंधन को एक नोटिस भेजा था, जिसमें कहा गया था कि भोजूबीर तहसील के वसीम अहमद खान ने वक्फ एक्ट 1995 के तहत यह दावा किया था कि उदय प्रताप कॉलेज की जमीन नवाब टोंक द्वारा वक्फ की गई संपत्ति है। उनका कहना था कि नवाब टोंक ने एक छोटी मस्जिद के लिए यह जमीन वक्फ कर दी थी, और इसलिए यह संपत्ति वक्फ बोर्ड द्वारा नियंत्रित की जानी चाहिए।
कॉलेज का जवाब
कॉलेज ने इस नोटिस का जवाब 15 दिन के भीतर दिया था, जिसमें कहा गया था कि 1909 में चैरिटेबल इंडाउमेंट एक्ट के तहत उदय प्रताप कॉलेज की स्थापना हुई थी, और इसके तहत ट्रस्ट की जमीन पर दूसरे किसी का भी मालिकाना हक खत्म हो जाता है। इस जवाब के बाद से वक्फ बोर्ड की ओर से कोई नोटिस या प्रतिक्रिया नहीं आई है।
क्या हुआ इस मामले के बाद?
हालांकि इस मामले में कोई नया मोड़ नहीं आया, लेकिन कॉलेज के प्रिंसिपल, डॉक्टर धर्मेंद्र सिंह के अनुसार, हाल ही में कॉलेज कैंपस में स्थित मस्जिद में निर्माण कार्य कराया जा रहा था, जिसे प्रशासन ने रुकवा दिया था। इसके अलावा, कॉलेज द्वारा मस्जिद को बिजली कनेक्शन दिया गया था, जिसे प्रशासन ने हटवा दिया और मस्जिद को अपना कनेक्शन प्राप्त करने के लिए कहा।
तनवीर अहमद खान का बयान
इस मामले पर वसीम अहमद खान के बेटे, तनवीर अहमद खान ने बताया कि 1857 के स्वतंत्रता संग्राम में अंग्रेजों ने नवाब टोंक को नजरबंद कर दिया था, और इसके बाद उनके लोग वहां आकर बस गए थे। तनवीर ने कहा कि नवाब ने अपने लोगों के लिए बड़ी और छोटी मस्जिद का निर्माण कराया था, और यह छोटी मस्जिद ही कॉलेज परिसर में स्थित है। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि उनके पिता अब नहीं हैं, और इस मामले से उनका कोई संबंध नहीं है।
इस विवाद ने अब तक कोई नया मोड़ नहीं लिया है, लेकिन वक्फ बोर्ड के दावे और कॉलेज के जवाब ने इसे सुर्खियों में बना दिया है। फिलहाल इस मामले में प्रशासन और वक्फ बोर्ड के बीच आगे की कार्रवाई पर कोई स्पष्टता नहीं है।